Breaking News :

बनाएं ये झटपट और टेस्टी दही भिंडी

बनाएं ये झटपट और टेस्टी दही भिंडी

गुप्त नवरात्रि 2025 पांचवां दिन: पंचमी पर छिन्नमस्ता की रहस्यमयी साधना, आत्मत्याग और आत्मज्ञान की प्रतीक

गुप्त नवरात्रि 2025 पांचवां दिन: पंचमी पर छिन्नमस्ता की रहस्यमयी साधना, आत्मत्याग और आत्मज्ञान की प्रतीक

वैदिक काल में साड़ी पहनने की परम्परा बिना ब्लाउज की साड़ी, कई बॉलीवुड एक्ट्रेस भी कर चुकी हैं ट्राई

वैदिक काल में साड़ी पहनने की परम्परा बिना ब्लाउज की साड़ी, कई बॉलीवुड एक्ट्रेस भी कर चुकी हैं ट्राई

Vijay Varma / तमन्ना भाटिया से ब्रेकअप के बाद इस एक्ट्रेस के साथ जुड़ा विजय का नाम

Vijay Varma / तमन्ना भाटिया से ब्रेकअप के बाद इस एक्ट्रेस के साथ जुड़ा विजय का नाम

हिंदुस्तान पेट्रोलियम में एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट समेत इन पदों पर भर्ती, जानें कितनी मिलेगी सैलरी

हिंदुस्तान पेट्रोलियम में एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट समेत इन पदों पर भर्ती, जानें कितनी मिलेगी सैलरी

Parquet Courts on Resisting Nihilism & Why Tourism in Dubai is booming the world.

Parquet Courts on Resisting Nihilism & Why Tourism in Dubai is booming the world.

Monday, 30 June 2025

राज्यपाल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मंगलवार को राष्ट्रपति करेंगी यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण *आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथ की ओपीडी पहले से जारी, अब पंचकर्म व शल्य चिकित्सा की भी मिलेगी सुविधा *औषधीय पौधों की खेती की भी बढ़ेगी मांग, मालामाल होंगे किसान

राष्ट्रपति करेंगी यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण,शिक्षा के साथ खुलेंगे रोजगार के नए द्वार

Gorakhpur :  गोरखपुर, 30 जून। भटहट के पिपरी में बना यूपी का पहला महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय आयुर्वेद समेत प्राचीन व परंपरागत आयुष विधाओं की चिकित्सा और इनसे जुड़ी शिक्षा का केंद्र ही नहीं बनेगा बल्कि इसके जरिये रोजगार के नए द्वार भी खुलने जा रहे हैं। गोरखपुर में मेडिकल टूरिज्म, औषधीय पौधों की आयसर्जक खेती की संभावना को धरातल पर उतारने में यह विश्वविद्यालय बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है। आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण मंगलवार (एक जुलाई) को पूर्वाह्न देश की प्रथम नागरिक, महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु करेंगी।

आयुष पद्धति से चिकित्सा, शिक्षा और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए

राज्यपाल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मंगलवार को राष्ट्रपति करेंगी यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण

*आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथ की ओपीडी पहले से जारी, अब पंचकर्म व शल्य चिकित्सा की भी मिलेगी सुविधा

*औषधीय पौधों की खेती की भी बढ़ेगी मांग, मालामाल होंगे किसान

प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सीएम योगी के विजन से धरातल पर उतरे इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था जबकि लोकार्पण एक जुलाई 2025 को वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों होने जा रहा है। दोनों आयोजनों में राष्ट्रपति को गोरखपुर बुलाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ के नाम दर्ज हुआ है। यह आयुष विश्वविद्यालय भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इसकी स्वीकृत लागत 267.50 करोड़ रुपये है।

आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण भले ही मंगलवार को होने जा रहा है लेकिन यहां आयुष ओपीडी का शुभारंभ 15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जा चुका है। हाल के दिनों में सायंकाल के सत्र में भी ओपीडी चलने लगी है। प्रतिदिन यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी की ओपीडी में औसतन 300 मरीज परामर्श लेते हैं। ओपीडी शुभारंभ के बाद अब तक करीब सवा लाख से अधिक लोग आयुष चिकित्सकों से परामर्श लाभ ले चुके हैं। लोकार्पण के बाद अस्पताल (आईपीडी, ओटी) शुरू होने से आयुष पद्धति से उपचार की बेहतरीन सुविधा भी उपलब्ध होने लगेगी। आयुष विश्वविद्यालय में 28 कॉटेज वाला बेहतरीन पंचकर्म भी बनकर तैयार है और जल्द ही लोगों को पंचकर्म चिकित्सा की भी सुविधा मिलने लगेगी।

योगी सरकार द्वारा राज्य में आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने से आयुष हेल्थ टूरिज्म में रोजगार की संभावनाएं भी बलवती हुई हैं। आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने से गोरखपुर को केंद्र में रखकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए यह संभावना और बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यदि संभावनाओं पर गंभीरता से काम किया गया तो प्रदेश के इस पहले आयुष विश्वविद्यालय के आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार के किसी न किसी स्वरूप से जोड़ा जा सकता है। आयुष विश्वविद्यालय के पूर्णतः क्रियाशील होने से किसानों की खुशहाली और नौजवानों के लिए नौकरी-रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा। लोग आसपास उगने वाली जड़ी बूटियों का संग्रह कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। किसानों को औषधीय खेती से ज्यादा फायदा मिलेगा। आयुष विश्वविद्यालय व्यापक पैमाने पर रोजगार और सकारात्मक परिवर्तन का कारक बन सकता है।

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति, जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है, के नियमन के लिए अलग-अलग संस्थाएं कार्यरत रहीं।
Read Previous

Samsung goes big in India factory ever created

Read Next

Samsung goes big in India factory ever created

Add Comment

Sign up for the Newsletter

Join our newsletter and get updates in your inbox. We won’t spam you and we respect your privacy.