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Thursday, 17 July 2025

संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में अच्छी प्रगति, चीनी राष्ट्रपति से मिले डॉ. जयशंकर

बीजिंग। चीन के दौरे पर गए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान जयशंकर ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में हो रही प्रगति से जुड़ी जानकारी राष्ट्रपति जिनपिंग को दी। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत और चीन के बीच संबंधों को दिशा देने में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे थे।

विदेश मंत्री ने इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी दी और बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की शुभकामनाएं उन्होंने शी जिनपिंग को दी हैं। इससे पहले जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक की, जिस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 9 महीनों में द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में अच्छी प्रगति हुई है। उन्होंने कहा भारत और चीन को अब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने पर ध्यान देना चाहिए। बैठक में अपने प्रारंभिक भाषण में जयशंकर ने कहा था कि दोनों देशों के बीच संबंध इस आधार पर सकारात्मक रूप से आगे बढ़ सकते हैं कि भारत और चीन के बीच मतभेद विवाद में नहीं बदलना चाहिए।

वांग यी से पहले जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात के बाद कहा था कि भारत-चीन संबंधों के निरंतर सामान्य बने रहने से लाभकारी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं और जटिल वैश्विक स्थिति को देखते हुए, दोनों पड़ोसी देशों के बीच विचारों का खुला आदान-प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री ने सोमवार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय समिति के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ सहित चीनी अधिकारियों के साथ कई उच्च-स्तरीय बैठकें कीं, ताकि भारत-चीन संबंधों में संवाद और सहयोग को बढ़ाया जा सके। उन्होंने सम्मेलन में हिस्सा लेने आए अन्य देशों के शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की।

चीन एससीओ का वर्तमान अध्यक्ष है और इस नाते इस समूह की बैठकों की मेजबानी कर रहा है। पिछले कुछ महीनों में भारत और चीन ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं, जो जून 2020 में दोनों सेनाओं के बीच झड़पों के बाद गंभीर रूप से बिगड़ गए थे। जयशंकर के इस दौरे से भारत और चीन के बीच संबंधों में व्यापक सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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