Breaking News :

UP News : योगी-राज में अयोध्या को मिलेगा एक और पथ का तोहफा, राम पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ के बाद अब अयोध्या में बनेगा भरत पथ

UP News : गरीब ओबीसी बेटियों की शादी में 20 हजार रुपये अनुदान दे रही है योगी सरकार

UP News : बुनियाद मजबूत कर बच्चों की प्रतिभा निखार रही योगी सरकार

UP News : आठ साल में 62 फीसद बढ़ी यूपी में ट्रैक्टर्स की संख्या

दिव्यांग पेंशन योजना की पहुँच में पारदर्शिता और पूर्णता सुनिश्चित करें: CM योगी

महाराष्ट्र सरकार में छगन भुजबल की फिर से वापसी, मंत्री पद की ली शपथ

मुंबई में भारी बारिश ने मचाई तबाही : अंधेरी सबवे जलमग्न, पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित

सुरक्षा मुहैया नहीं कराने के कारण पहलगाम में 26 लोग मारे गए, खुद पीएम मोदी ने रद्द कर दिया था अपना दौराः मल्लिकार्जुन खड़गे

तीरा और मेबेलिन ने लॉन्च किया ‘टॉक ब्यूटी टू मी’ विद सुहाना खान, तीरा पर लॉन्च हुई ब्यूटी सीरीज़

प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से फोन पर की बात, कहा- आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में हम रहेंगे एक

Parquet Courts on Resisting Nihilism & Why Tourism in Dubai is booming the world.

Parquet Courts on Resisting Nihilism & Why Tourism in Dubai is booming the world.

Wednesday, 21 May 2025

बदले दौर में किसानों की शान और संपन्नता के प्रमाण माने जाते हैं ट्रैक्टर किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही है योगी सरकार

UP News : आठ साल में 62 फीसद बढ़ी यूपी में ट्रैक्टर्स की संख्या

लखनऊ, 21 मई। बात करीब चार दशक पुरानी है। तब किसी किसान की संपन्नता का पैमाना दरवाजे पर बंधे बैलों की संख्या होती थी। धीरे-धीरे ट्रैक्टर ने बैलों को खेतीबाड़ी में अप्रासंगिक बना दिया। बदले दौर में अब ट्रैक्टर ही किसानों की शान, संपन्नता और खुशहाली के प्रमाण हैं। ट्रैक्टरों की संख्या के लिहाज से देखें तो यूपी के किसान खुशहाल हैं।


आठ साल में 62 फीसद बढ़ी यूपी में ट्रैक्टर्स की संख्या-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद करीब आठ वर्षों में ट्रैक्टर्स की संख्या में डेढ़ गुने से अधिक (62 फीसद) की वृद्धि हो चुकी है। वित्तीय वर्ष 2016-2017 में प्रदेश में कुल 88 हजार ट्रैक्टर थे। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में यह संख्या बढ़कर 142200 हो गई। 


क्यों बढ़ रही है ट्रैक्टर्स की संख्या-

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। वह इस बात और खेतीबाड़ी में उत्तर प्रदेश की संभावनाओं को लगातार सार्वजनिक मंचों पर कहते आ रहे हैं। उनके मुताबिक नौ तरह की अलग-अलग कृषि जलवायु, इंडो गंगेटिक बेल्ट की दुनिया की सबसे उर्वर जमीन, गंगा, यमुना, सरयू जैसी सदानीरा नदियां, सबसे अधिक आबादी के कारण सस्ता श्रम और सबसे बड़ा बाजार होने के कारण उत्तर प्रदेश देश का फूड बास्केट बन सकता है। जरूरत इस बात की है कि किसानों के परंपरागत ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को खेतीबाड़ी से जोड़ा जाए। इसके लिए सरकार लगातार कृषि विज्ञान केंद्रों और द मिलियन फॉर्मर्स स्कूल के तहत संचालित किसान पाठशाला से किसानों को जागरूक करने के साथ उनको नवाचार के लिए प्रोत्साहित कर रही है। योगी सरकार, केंद्र की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ अपने स्तर से भी किसानों के हित में जो भी संभव है वह कर रही है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण अपने पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट मीटिंग में लघु सीमांत किसानों की एक लाख रुपये तक की कार्जमाफी। उसके बाद से तो यह सिलसिला ही चल निकला। वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं (बाणसागर, राष्ट्रीय सरयू नहर परियोजना, अर्जुन सहायक नहर परियोजना आदि) को पूरा कर सिंचन क्षमता में विस्तार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत गेहूं और धान के खरीद की पारदर्शी व्यवस्था, समयबद्ध भुगतान, कई नई फसलों खास कर मोटे अनाजों (मिलेट्स) को एमएसपी के दायरे में लाना।


गन्ने की खेती से जुड़े करीब 50 लाख किसानों के हित के लिए समयबद्ध भुगतान, चीनी मिलों का आधुनिकीकरण, नई चीनी मिलों की स्थापना, पेराई सीजन के दिनों में वृद्धि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का प्रभावी क्रियान्वयन, समय से खाद, बीज की उपलब्धता आदि ऐसे कदम रहे जिससे किसानों की आय बढ़ी। इसका नतीजा रहा हर फसल के उत्पादन में इस दौरान रिकॉर्ड वृद्धि। खासकर दलहन और तिलहन में। इन्हीं सारी वजहों से बहुउपयोगी ट्रैक्टर्स की खरीद और संख्या में वृद्धि हुई है। 


आगे अभी और बेहतरी की उम्मीदें-

ट्रैक्टर्स की संख्या में ये वृद्धि आगे अभी और रंग लाएगी, क्योंकि आज ट्रैक्टर्स के बिना खेती की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यह सिर्फ जोताई के काम नहीं आता है। खेत की लेवलिंग, पॉवर स्प्रेयर से फसलों पर वाटर सॉल्यूबल उर्वरकों, कीटनाशकों के छिड़काव, मेड़बंदी, सीड ड्रिल के जरिए लाइन सोईग, आलू की बोआई से लेकर खोदाई, फसल अवशिष्ट को निस्तारित करने में मददगार है। ट्रैक्टर के जरिए संचालित होने वाले इन सभी कृषि यंत्रों पर सरकार करीब 50 फीसद अनुदान देती है। इनके प्रयोग से श्रम की लागत घटती है। खेत की तैयारी, बोआई और फसल की कटाई से लेकर मड़ाई तक का काम आसान और अच्छा हो जाता है। यकीनन आने वाले वर्षों में किसानों की आय एवं ट्रैक्टर्स की संख्या भी बढ़ेगी। तब उत्तर की पहचान प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार देश के फूड बास्केट के रूप में होगी।


ट्रैक्टर्स के लिहाज से देश का भी यही ट्रेंड-

ट्रैक्टर्स की बिक्री के लिहाज से देश का भी ट्रेंड कमोबेश यही है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्तीय वर्ष में की रिकॉर्ड (10 लाख) ट्रैक्टर्स की बिक्री की उम्मीद है। यह अब तक की सालाना बिक्री का रिकॉर्ड होगा। इसके पहले यह रिकॉर्ड वित्तीय वर्ष 2023 के नाम था। तब देश भर में 939713 ट्रैक्टर्स की बिक्री हुई थी। वित्तीय वर्ष 2024 में बिक्री की यह संख्या 867597 थी। बाजार के जानकारों के अनुसार रबी की अच्छी पैदावार, खरीफ में मौसम विभाग द्वारा अच्छी बारिश का पूर्वानुमान और बेहतर फसल नाते यह रिकॉर्ड बनना संभव होगा।

Read Previous

Samsung goes big in India factory ever created

Read Next

Samsung goes big in India factory ever created

Add Comment

Sign up for the Newsletter

Join our newsletter and get updates in your inbox. We won’t spam you and we respect your privacy.