एक मासूम कुत्ते ने भौंक-भौंक कर बचा ली 67 लोगों की जान, पल में भूस्खलन में तबाह हो गया हिमाचल प्रदेश का ये पूरा गांव

Siyathi के रहने वाले नरेंद्र ने बताया कि उनके घर की दूसरी मंजिल पर सो रहा कुत्ता अचानक जोर-जोर से भौंकने लगा और आधी रात के आसपास तेज बारिश के कारण रोने लगा। बचे हुए लोग अब त्रियंबला गांव में बने नैना देवी मंदिर में पिछले सात दिनों से शरण लिए हुए हैं। इस बीच, इस त्रासदी के कारण कई ग्रामीण ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन से पीड़ित हैं

गांव में होने वाला था लैंडस्लाइड, कुत्ते ने ऐसे बचाई 67 लोगों की जान, मंडी के सियाठी गांव का हैरतअंगेज किस्‍सा


दरअसल इस मामले में नरेंद्र ने बताया कि कुत्ते की आवाज सुन वह जाग उठे. जैसे ही वह अपने पालतू जानवर के पास गए, तो देखा घर की दीवार में बड़ी दरार आ गई है और पानी अंदर घुसने लगा है. नरेंद्र ने बिना देर किए कुत्ते को उठाया और नीचे भागा, फिर पूरे गांव को जगाने लगा. 20 परिवारों के 67 लोगों ने वक्त रहते घर छोड़ दिया और अपना सब कुछ पीछे छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर दौड़ पड़े.;

कुत्ते इंसान के सबसे वफादार और समझदार साथी होते हैं. उनकी वफादारी की कहानियां सिर्फ किस्सों तक सीमित नहीं, बल्कि हकीकत में बार-बार साबित हुई हैं. चाहे कोई संकट हो, बीमारी हो, आग लगे या भूकंप आ जाए. कुत्ते अपने इंसान साथियों की सुरक्षा में सबसे आगे खड़े रहते हैं. ऐसा ही एक मामला हिमाचल से सामने आया है. 

जहां 30 जून की रात हिमाचल के मंडी जिले के धरमपुर इलाके के सियाठी गांव में सब कुछ सामान्य लग रहा था. गांव के ज्यादातर लोग गहरी नींद में थे, लेकिन नरेंद्र के घर की दूसरी मंजिल पर सो रहा एक कुत्ता किसी अनजानी आशंका से बेचैन था. अचानक वह जोर-जोर से भौंकने लगा और फिर बारिश के शोर के बीच चीखने भी लगा. कुत्ते के भौंकने के कारण 67 लोगों की जान बच गई. 


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